Sunday, September 28, 2008

मुझमें हिम्मत नहीं है....?



मुझमें हिम्मत नहीं है....?

मौत के रास्तों पर चलने की हिम्मत नहीं है मुझमें
जिंदगी के फलसफों को समझने की ताकत नहीं है मुझमें
जिस राह पर मैं चल रहा हूं उस राह की दूरी बताने की ताकत नहीं है मुझमें
नदी किनारे ओस की बूदों से, प्यास मिटाने की फिराक में हूं मैं
रास्तों पर चलने को नहीं, दौड़ने की फिराक में हूं मैं
राहगीर से पूछता हूं, मैं अपने साय़े का हाल
क्या साथ देगी मेरी परछाई दूर तलक
हर मोड़ पर भी एक मोड़ है ,जो एक सवाल है मेरे लिए
अब इन सवालों में उलझने की ताकत नहीं है मुझमें,
अब तो इंतजार है उस मंजिल की,
जिसे पाने की फिराक में हूं मैं........


----रजनीश कुमार

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