भूल रहा है किसको.....
वो जमाना भूल नहीं पाते हम
जब वो हमारे साथ हंसा करती थी।
वो आंसू भूल नहीं पाते है हम
जब हमारे साथ रोया करती थी।
वो वक्त नहीं भूल पाते है हम
जो हमारे साथ बिताया करती थी।
मगर मैं भूलना चाहता हूं हर उन लम्हों को
जो बिताया था उसके साथ
लोगों से पूछता हूं मैं, इस मर्ज की दवा,
लोग हंसकर कहते है, इसका है ही नहीं दवा।
जब मैंने ठाना भूल जाऊंगा उसको,
वो फिर याद आती है
दिल कहता है, तू भूल रहा है किसको ?
वो जमाना भूल नहीं पाते हम
जब वो हमारे साथ हंसा करती थी।
वो आंसू भूल नहीं पाते है हम
जब हमारे साथ रोया करती थी।
वो वक्त नहीं भूल पाते है हम
जो हमारे साथ बिताया करती थी।
मगर मैं भूलना चाहता हूं हर उन लम्हों को
जो बिताया था उसके साथ
लोगों से पूछता हूं मैं, इस मर्ज की दवा,
लोग हंसकर कहते है, इसका है ही नहीं दवा।
जब मैंने ठाना भूल जाऊंगा उसको,
वो फिर याद आती है
दिल कहता है, तू भूल रहा है किसको ?
-----रजनीश कुमार
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