एक मोती
एक मोती ,उसके दिल के पास उसकी धड़कनों को सुनता हुआ।
एक मोती, उसके कान के पास उसकी जुल्फों को छेड़ता हुआ।
वो खुशनसीब मोती मुझे देखकर हंसता रहा।
मैं चिढ़ता रहा उस मोती पर , पर कुछ न कर सका।
काश मैं वो मोती होता, उसकी धड़कनों को सुनता ।
काश मैं वो मोती होता , उसकी जुल्फों को छेड़ता।
मगर मैं बदनसीब वो मोती मुझसे अनजान थी।
मेरे नज़र के सामने पर वो गुमनाम थी।
एक मोती, उसके कान के पास उसकी जुल्फों को छेड़ता हुआ।
वो खुशनसीब मोती मुझे देखकर हंसता रहा।
मैं चिढ़ता रहा उस मोती पर , पर कुछ न कर सका।
काश मैं वो मोती होता, उसकी धड़कनों को सुनता ।
काश मैं वो मोती होता , उसकी जुल्फों को छेड़ता।
मगर मैं बदनसीब वो मोती मुझसे अनजान थी।
मेरे नज़र के सामने पर वो गुमनाम थी।
----रजनीश कुमार
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