Friday, March 20, 2009

वो फिर मुझसे बातें की


पुरानी पहचान.....या.......कुछ और.....?

हर रात की तन्हाईयों में जीने वाली
आज वो मुझसे हंस कर बातें की।

फैशन में लिपटी वो छरहरी काया
तिरछी नज़रों से निगाहें भी मिलाई।

वर्षों बाद प्यार भरी बातें सुनकर ऐसा लगा
मानो सारे जहां की खुशियां बिखेर दी उसने।

हाथों की लकीरों में देखा था कभी मैने उसे
एक समय वो रूठ कर गई थी मुझसे।

लेकिन आज मै मना लाया उसे।
कब तक चलेगा ये सिलसिला

य़े देखना है मुझे और उसे।

----रजनीश कुमार

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