Mahasweta devi ko Rajnish baba mehta ka naman |
महाश्वेता देवी
तू नहीं तेरी सौगात मेरे ज़ेहन में जिंदा रहेगी
तू है अब अग्निगर्भ में, मनीष-धारित्रि पुत्री रहेगी ।।
मौत के उम्रकैद में, कृष्ण द्वादशी के देश में
मातृछवि की छांव में, अमृत संचय लिए तू जिंदा रहेगी ।।
क्लांत कौरव के काल में, अग्निशिखा की गाल में
बनिया बहू की बाल में, मास्टर साब के शाल में ,
तू जिंदा रहेगी स्याही सी कलम की हर खाल में ।।
उपदेश सी तू, बनके क्यूं चली गई
अनंत काल तक राह सी क्यूं चली गई ।।
हर शब्द सी लोरी सुनता रहूंगा
हजार चौरासी की मां तुझे याद करता रहूंगा ।।
कातिब
रजनीश बाबा मेहता
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